तुम्हें या तुम्हारे ख्यालों को, किस किस को सम्हालें
सब फूल से कोमल हैं, और हम पत्थरनुमा निकले !
…..
उफ़ ! कडकडाती ठण्ड है, हुई स्वेटर भी बेअसर
पर ! स्वेटर में लिपटी हुई, तेरी यादों की गर्मी है !
…..
चापलूसी,चमचागिरी,मक्कारी की जन्नत, लाहौलबिलाकुबत
इमानदारी, मेहनत, स्वाभीमान का जहन्नुम, शुभानअल्लाह !
…..
खुदाखैर जो तुम आज दिल पे ही बरसे हो
हमें तो लगा, आज सामत नहीं है हमारी !
…..
काश दिल और जज्बे, हमारे भी कमीने होते
इसी बहाने शायद हम तुम्हारी जुबां पे होते !
…..
ठंड, गुनगुनाती धुप, और सुबह के मंजर
उफ़ ! तेरे हाथों से उठती ‘आदाब‘ की यादें !
…..
क्या सफ़र, क्या जिन्दगी, क्या राहें
कोई हमें, तेरे गेसुओं से तो निकाले !
…..
बूँदें, खेती, सावन, भादों, किसान, मजदूर, आसमां
सूखा–सूखा आँचल देखो, खेतों और खलियानों का !
…..
तकलीफें, हौसले, और हम
चलो चलते रहें, बढ़ते रहें !
…..
कौन ऊंचा, कौन नीचा, सब किताबी आंकड़े हैं ‘उदय‘
जेब टटोल, सिक्का उछाल कर देखो, सभी बाजार में हैं !
…..
ताउम्र तेरी गर्म साँसों से, उतना गर्म न हुआ ये बदन
जितना आज तेरी चिता की आंच से दहक रहा हूँ मैं !
…..
खुशी हो, या गम का मंजर हो ‘उदय‘
रोके कहाँ रुकते हैं, छलकते आंसू !
…..
-
Recent Posts
Recent Comments
Mr WordPress on Hello world! Archives
Categories
Meta